(जयपुर): राजस्थान में टीचर भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में कई लोगों के नाम सामने आ रहे हैं. शुरुआती जांच के मुताबिक, जालौर के एक सरकारी स्कूल के वाइस प्रिंसिपल ने जयपुर के रहने वाले भूपी सरन और सुरेश ढाका से एग्जाम के पेपर खरीदे थे. अब सुरेश ढाका को ही इस पेपर लीक का “मास्टरमाइंड” बताया जा रहा है. अपको बता दे कि 24 दिसंबर के दिन यह परीक्षा होनी थी और उसी दिन पुलिस ने सुरेश ढाका के साले सुरेश बिश्नोई को गिरफ्तार किया था. बिश्नोई जोधपुर का रहने वाला है.
राज्य में 24 दिसंबर को होने वाली सेकंड ग्रेड टीचर भर्ती परीक्षा से पहले GK का पेपर लीक हो गया था. पेपर लीक होने के बाद राजस्थान लोक सेवा आयोग यानी RPSC ने जीके की परीक्षा रद्द कर दी थी. करीब 16 लाख छात्र परीक्षा देने पहुंचे थे. अब 29 जनवरी को दोबारा GK की परीक्षा होगी. जांच में पता चला कि तीन दिन पहले ही पेपर लीक हो चुके थे.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, जिस सुरेश ढाका का नाम सामने आया है वो जयपुर में ‘उमंग क्लासेस’ कोचिंग का मालिक है. ढाका के संबंध नेताओं के साथ भी बताए जा रहे हैं. उसके फेसबुक अकाउंट पर 15 लाख से ज्यादा फॉलोवर्स हैं. सुरेश ढाका सांचौर के अचलपुर गांव का रहने वाला है. पहले भी वो मनी लॉन्ड्रिंग और पेपर लीक मामले में जेल जा चुका है. फिलहाल पुलिस ढाका की तलाश कर रही है.
सुरेश ढाका और उसके साले सुरेश बिश्नोई, भूपी सरन के अलावा एक और शक्स का नाम सामने आया. डॉ भजनलाल जो कि पेशे से डॉक्टर है. पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार किया है. पेपर लीक की जानकारी सबसे पहले उदयपुर से सामने आई थी. वहां एक बस में कुछ लोग परीक्षा के पेपर के साथ बैठे थे.
उदयपुर के एसपी विकास शर्मा ने बताया था कि संदिग्ध बस में कम से कम लीक हुए पेपर के साथ 37 कैंडिडेट थे. वहीं 7 लोग पेपर सॉल्व करने वाले ‘एक्सपर्ट’ और निरीक्षक थे. ये सभी जालोर जिले के रहने वाले हैं.
शुरुआती जांच में पता चला कि मास्टरमाइंड ने पेपर देने के 10 लाख रुपये लिए थे. राजस्थान के डीजीपी उमेश मिश्रा ने बताया कि पेपर लीक में शामिल लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी NSA के तहत कार्रवाई करने पर विचार किया जा रहा है. पेपर लीक गैंग में शामिल लोगों के रिकॉर्ड को खंगाला जाएगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
डीजीपी ने कहा कि आरोपियों की संपत्ति जब्त करने के लिए असामाजिक गतिविधि रोकथाम कानून-2018 (PASA) में संशोधन करने पर भी विचार किया जा रहा है. इस कानून के तहत किसी व्यक्ति को एक साल तक हिरासत में रखा जा सकता है. उन्होंने बताया कि पेपर लीक में शामिल छात्रों को बैन किया जाए, इसके लिए पुलिस राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) को पत्र लिखेगी.