(जयपुर): राजस्थान में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अनूपगढ़ सेक्टर में पाक रेंजर्स ने फायरिंग की। सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया। फायरिंग में भारत की तरफ से किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय पक्ष के सैनिकों या किसानों में से किसी के हताहत या घायल होने की सूचना नहीं है।
बीएसएफ के प्रवक्ता ने कहा कि बल ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष से इसका विरोध दर्ज कराने का फैसला किया है और शनिवार को फ्लैग मीटिंग रखने की मांग की है। प्रवक्ता ने आगे कहा कि ‘किसान गार्ड’ के तहत सीमा बाड़ के आगे अपने खेतों में काम कर रहे किसानों की सुरक्षा में बीएसएफ के जवान तैनात थे।
दोपहर करीब 2 बजे पाक रेंजर्स ने जवानों को निशाना बनाकर छह से सात राउंड फायरिंग की। इसके जवाब में बीएसएफ ने पाक रेंजर्स की तरफ से कम से कम 18 राउंड फायर झोंक दिए।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राजस्थान में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर फायरिंग की घटना बहुत कम होती है। दोनों देशों के बीच पिछले साल फरवरी में इस सेक्टर में पूर्ण सीजफायर को लेकर सहमति बनी थी। उसके बाद से फायरिंग की यह दूसरी घटना है, पहली घटना में सितंबर में जम्मू के अरनिया सेक्टर में पाक रेंजर्स ने फायरिंग की थी।
बीएसएफ की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के अनूपगढ़ सेक्टर में पाक रेंजरों ने सबसे पहले दोपहर दो बजे बीएसएफ जवानों पर 6-7 राउंड फायरिंग की। जिस वक्त फायरिंग की गई उस वक्त बीएसएफ जवान पांच स्थानीय किसानों के साथ किसान गार्ड के रूप में सीमा सुरक्षा बाड़े के सामने मौजूद थे। उनका उद्देश्य खेतों में काम करने वाले पांच स्थानीय किसानों को बचाना और उनकी सुरक्षा करना था।
जवाबी कार्रवाई में बीएसएफ ‘किसान गार्ड’ ने पाक रेंजर्स पर लगभग 18 राउंड फायरिंग की। बीएसएफ या भारतीय किसानों के घायल या हताहत की सूचना नहीं है। बीएसएफ ने अपने पाकिस्तानी समकक्षों के साथ ‘विरोध’ दर्ज कराने का फैसला किया है और शनिवार को फ्लैग मीटिंग की मांग की है। बीएसएफ अधिकारी ने कहा कि विरोध दर्ज किया जा रहा है और फ्लैग मीटिंग बुलाई गई है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह बहुत असाधारण घटना है कि पाक रेंजरो ने थार रेगिस्तान में फायरिंग की जबकि राजस्थान अंतरराष्ट्रीय सीमा के सामने है और यह गुजरात, पंजाब और जम्मू के साथ भी जुड़ा है। भारत और पाकिस्तान ने फरवरी 2021 में इस मोर्चे पर पूर्ण युद्ध विराम का संकल्प लिया था।
हालांकि, तब से इस समझौते के उल्लंघन की एक या दो घटनाएं हुई हैं, जिसमें इस साल सितंबर में जम्मू क्षेत्र में हुई एक घटना शामिल है। सितंबर में पाकिस्तानी सैनिकों ने अरनिया सेक्टर में बीएसएफ के गश्ती दल पर गोलीबारी की थी।