(जयपुर): महिलाओं के विरुद्ध हिंसा की रोकथाम दिवस से पहले महिला अधिकारिता विभाग कई तरह के कार्यक्रम और कार्यशालाओं का आयोजन कर रहा है। झालाना स्थित महिला एवं अधिकारिता विभाग में गुरूवार को कार्यशाला का आयोजन हुआ।
इसमें विभाग की मंत्री ममता भूपेश ने बताया कि राज्य में बच्चियां, महिलाएं कितनी सुरक्षित हैं इसकी ऑडिट होगी। इसके लिए यूएनएफपीए ने मार्गदर्शिका तैयार की है। ऑडिट में यह पता लगाया जाएगा कि महिलाओं को कहां सुरक्षा की जरूरत है और इस सुरक्षा के लिए क्या क्या कदम उठाने जरूरी हैं।
यह ऑडिट महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगी। राज्य सरकार महिलाओं के साथ घटित हो रही घटनाओं को रोकने की पूरी कोशिश कर रही है।
श्रीमती भूपेश ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के कारण महिलाओं में हिंसा के प्रति जागरूकता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ जो हिंसा की घटनाएं घटित होती हैं उनकी रोकथाम के लिए सरकार पूरी तरह से प्रयास करती हैं।
इसके साथ ही ऐसी घटनाएं रोकने के लिए आम जन के स्तर पर प्रयास किए जाने आवश्यक है। हम लोगों को, बच्चियों को शिक्षित करना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में 20 साल बाद नई महिला नीति बनाई गई। कोविड महामारी के बाद भी हमारे विभाग ने बच्चियों को शिक्षा से जोड़े रखा जिससे लाखों बच्चियां शिक्षित हुई।
इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीमा हिंगोनिया द्वारा पुलिस प्रशासन की ओर से महिलाओं के विरुद्ध हिंसा उन्मूलन हेतु किये जा रहें प्रयासों तथा इस हेतु थानों में दी जा रही सुविधाओं जैसे महिला परामर्श केन्द्र, महिला डेस्क आदि के बारे में विस्तार से बताया गया। उन्होंने सुरक्षा सखी योजना को महत्वपूर्ण बताया इसी प्रकार निर्भया स्क्वैड द्वारा निभाई जा रही भूमिका को भी महत्वपूर्ण बताया।