(जयपुर): मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए देश में पैसे के दम पर सरकारें गिराने का आरोप लगा कर एक बार फिर राजस्थान के सियासी संकट को याद किया है। अशोक गहलोत ने कहा कि बीजेपी के पास इलेक्टोरल बॉन्ड का पैसा एक तरफा जा रहा है। उस पैसे के दम पर ये देश में सरकारें गिरा रहे हैं।
अशोक गहलोत ने कहा कि बीजेपी को केंद्र में दो बार मौका मिल है, इसलिए इनको घमंड-अहम आ गया है। घमंड-अहम जनता कब तोड़ देती है, पता ही नहीं लगता है। ये हमने पहले भी अनुभव किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली में मंगलवार यानि 17 अक्टूबर की रात को मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
अशोक गहलोत ने कहा कि कर्नाटक के बाद हमे मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और फिर ऊपर वाले ने बचा लिया। सोनिया गांधी जी का और राहुल गांधी जी का आशीर्वाद था, इसलिए सरकार बच गई। हमारा पूरा कुनबा एकजुट होकर रहा है, वरना सरकार चली जाती।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- मैं तो मेरे रास्ते पर चल रहा हूं। पार्टी ने मुझे जो जिम्मेदारी दी है, मैं निभा रहा हूं। उसके अलावा मैं कुछ नहीं कर रहा हूं। ईमानदारी, निष्ठा, प्रतिबद्धता के साथ में समर्पित होकर पार्टी की जिम्मेदारी निभा रहा हूं।
अपको बता दे कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि गरीब, दलित, पिछड़ों के लिए फैसले करना मुझे बहुत अच्छा लगता है। जो मैं कर सकता हूं। सोशल सिक्योरिटी की हमने थीम बना रखी है। आप देखेंगे कि शिक्षा में, स्वास्थ्य में, सब जगह मैं सोशल सिक्योरिटी को अडॉप्ट किए हुए हूं तो मुझे तो धुन लगी हुई है। मैं मेरे काम करूंगा।
अशोक गहलोत ने कहा- मैंने कल ये बात कही है कि अनुभव का कोई विकल्प नहीं है। मल्लिकार्जुन खड़गे का अलग अनुभव है। शशि थरूर का अलग अंतर्राष्ट्रीय अनुभव है। अनुभव का कोई विकल्प नहीं होता है, कभी नहीं होता है। नौजवान तो दौड़ भाग ज्यादा कर सकते हैं। अनुभव का विकल्प नहीं होता है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने कहा कि हमारे परिवार का कोई व्यक्ति अध्यक्ष चुनाव में नहीं खड़ा होगा। ये कहने की हिम्मत चाहिए।
गांव में सरपंच का पद भी कोई नहीं छोड़ता है और इन्होंने तो प्रधानमंत्री पद छोड़ दिया। कांग्रेस अध्यक्ष बनना स्वीकार नहीं किया। देश सेवा में लगे हुए हैं, मैं तो इनको सलाम करता हूं।
अशोक गहलोत ने कहा- भारत जोड़ो यात्रा में राहुल जी का कारवां चल पड़ा है। राहुल गांधी को आप देखेंगे कि राष्ट्रीय नेता और फिर जननायक के रूप में उभरकर आएंगे, क्योंकि वो व्यक्ति आज लड़ रहा है। आप पूरे गांधी परिवार को देख रहे हो। सोनिया गांधी 22 साल तक कांग्रेस अध्यक्ष रहीं।
प्रधानमंत्री पद स्वीकार नहीं किया। 30 साल से गांधी परिवार का कोई मेंबर पीएम, सीएम, मंत्री नहीं बना। खाली संगठन की जिम्मेदारी संभाले हुए थे। वो भी इस बार इन्होंने छोड़ दी है। उसका दुःख तो हम सबको ही है। अगर राहुल जी वापस संभाल लेते, मैंने भी रिक्वेस्ट की थी उनसे, तो एक नया मैसेज जाता, क्योंकि अभी हमारे सामने बहुत भयंकर चुनौतियां हैं। मैं समझता हूं कि हम सबकी सच्चाई का साथ देने की जिम्मेदारी बनती है। सच्चाई हमारे पक्ष के अंदर है। अंतिम विजय सच्चाई की होगी।
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