इंडिया न्यूज, बाड़मेर
Rajasthan Budget 2022 : बजट सत्र के बाद आमतौर पर विपक्षी दल के नेताओं को विरोध करते देखा जाता है, लेकिन बुधवार को राजस्थान विधानसभा में बजट पेश होने के बाद सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के विधायक ने अपनी ही सरकार के विरोध के लिए अनूठा तरीका अपनाया। अपनी मांगे पूरी नहीं होने से खफा कांग्रेसी विधायक विधानसभा से बाहर निकलते हुए अपने जूते वहीं छोड़ नंगे पांव ही अपने घर रवाना हो गए। उक्त कांग्रेसी विधायक बाड़मेर जिले की पचपदरा विधानसभा क्षेत्र के मदन प्रजापत है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले प्रजापत ने एक अनूठा प्रण लिया था। विधानसभा में बोलते हुए विधायक मदन प्रजापत ने कहा था कि उनकी यदि मांगे नहीं मानी गई, तो वे जीवनभर नंगे पांव रहेंगें, कभी जूते नहीं पहनेगें। जिस मांग को लेकर विधायक ने जीवनभर नंगे पांव रहने की बात कही है वह है बालोतरा को जिला बनाने की मांग है। उन्होंने विधानसभा में बोलते हुए कहा था कि 40 साल तक सब्र हो गया, अब वह और सब्र नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा था कि उनको न तो कोई पद चाहिए और न ही अन्य कोई बड़ी मांग है। उनकी सबसे बड़ी मांग यही है ही बालोतरा को जिला बनाया जाए। अगर जिला नहीं बनाया गया तो अब न प्रश्न उठाऊंगा और न ही जीवन में जूते पहनूंगा। यह मेरा प्रण है।
सीएम अशोक गहलोत ने बुधवार को राज्य विधानसभा में अपनी सरकार का तीसरा बजट पेश किया। उक्त बजट को साल 2023 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है। राजनीतिक गलियारों में चचार्एं है कि गहलोत ने बजट में लोक लुभावन घोषणाएं कर चुनाव का बिगुल बजा दिया है। ऐसे में यह चचार्एं जोरों पर थी कि इस बजट में गहलोत बालोतरा को जिला बनाने की मांग को पूरा कर देगें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
विधानसभा में बालोतरा को जिला बनाने की घोषणा पूरी नहीं होने के बाद अपने प्रण के अनुसार विधायक मदन प्रजापत ने विधानसभा के गेट संख्या 6 के पास अपने जूते उतार दिए और नंगें पांव ही विधानसभा से रवाना हो गए। विधायक ने कहा कि वे अपने प्रण पर अडिग है और जब तक बालोतरा का जिला बनाने की घोषणा पूरी नहीं होती, वे जूते नहीं पहनेगें।
विधायक ने कहा कि बालोतरा को जिला बनाने की उनकी मांग पूरी तरह से वाजिब है। उन्होनें कहा कि चुनावों के समय भी उन्होनें जनता से वादा किया था और विधायक बनने के बाद से वे लगातार इस मामलें की पैरवी कर रहे है। उन्होनें कहा कि मुख्यमंत्री ने भी उन्हें आश्वासन दिया था।
लेकिन उन्हें निराश किया गया है। विधायक ने कहा कि बजट में मुख्यमंत्री ने हर वर्ग-हर क्षेत्र का पूरा ध्यान रखा है, ऐसे में उन्हें अब भी पूरी उम्मीद है कि मुख्यमंत्री उनकों निराश नहीं करेगें और बालोतरा की जनता के हितों को देखते हुए वे जल्द ही बालोतरा को जिला बनाने की घोषणा करेगें।
बालोतरा को जिला बनाने की मांग करीब चार दशक पुरानी है। चुनाव के दौरान तमाम राजनीतिक दल और प्रत्याशी बालोतरा को जिला बनाने का वादा करते आए है, लेकिन जनता के इस मांग को किसी ने पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि करीब 28 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले बाड़मेर जिले में बालोतरा सबसे बड़ा ब्लॉक है। बालोतरा जिला मुख्यालय से करीब 100 किलोमीटर दूर है और यहां के लोगों को हर छोटे बड़े कार्य के लिए इतना दूर आना पड़ता है, इसलिए यह मांग उठ रही है।
जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को छोड़कर बालोतरा ब्लॉक में बाकी सभी सरकारी कार्यालय है। बालोतरा में जिला परिवहन कार्यालय, एडीएम कार्यालय, इनकम टैक्स, सेल्स टैक्स और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय भी है। बाड़मेर का जिला सत्र न्यायालय कार्यालय भी बालोतरा में है। इसलिए यहां जिला बनाए जाने के सभी आवश्यक गुण मौजूद है।
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