इंडिया न्यूज़, Rajasthan News: कांग्रेस नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी(Rahul Gandhi) को पार्टी अध्यक्ष का पद संभालने का समर्थन किया। जयपुर में एक सम्मेलन में सीएम गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा, अगर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पार्टी अध्यक्ष नहीं बनते हैं,
तो यह देश भर के कांग्रेसियों के लिए निराशा होगी। उनकी यह टिप्पणी 20 सितंबर को होने वाले कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले आई है।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने इस बात पर भी जोर दिया कि राहुल गांधी को पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं पर विचार करना चाहिए।
गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा, उन्हें कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भावनाओं को समझना चाहिए और इस पद को स्वीकार करना चाहिए। वहीं माना जा रहा है कि राहुल गांधी के चुनाव लड़ने की अनिच्छा से अध्यक्ष पद का चुनाव अब कांग्रेस के लिए एक चुनौती बन गया है। कांग्रेस पार्टी ने 20 अगस्त तक आंतरिक चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ली है। पार्टी ने घोषणा की थी कि अध्यक्ष पद के लिए चुनाव 21 अगस्त से 20 सितंबर के बीच होगा लेकिन कई प्रयासों के बावजूद राहुल गांधी ने अब तक अपना रुख साफ नहीं किया है।
दरअसल राहुल एक गैर गांधी को अध्यक्ष पद देने पर अड़े हुए हैं और इसलिए वह बहन प्रियंका गांधी वाड्रा को नामांकन दाखिल करने से रोक रहे हैं। वहीं सोनिया गांधी स्वास्थ्य कारणों से इस पद पर नहीं रहना चाहती हैं और राहुल चाहते हैं कि सोनिया की जगह कोई गैर गांधी पद धारण करे। कांग्रेस ने राहुल को मनाने की कोशिश की और प्रियंका को दूसरा विकल्प मानती है।
गतिरोध जारी रहा तो अशोक गहलोत (Ashok Gehlot), मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल, कुमारी शैलजा और मुकुल वासनिक जैसे नेताओं में से किसी एक के नाम पर सहमति बनने की कोशिश हो सकती है। रविवार को ही तकनीकी रूप से शुरू हो चुके कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव की समय सीमा को ध्यान में रखते हुए गांधी परिवार के लिए अगले कुछ दिन बेहद अहम होने वाले हैं।
इस बीच कांग्रेस पार्टी नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में 7 सितंबर को कन्याकुमारी से ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू करने की योजना बना रही है और 148 दिवसीय मार्च का समापन कश्मीर में होगा। पांच महीने की यात्रा 3,500 किलोमीटर और 12 से अधिक राज्यों की दूरी तय करने वाली है।
पदयात्रा (मार्च) प्रतिदिन 25 किमी की दूरी तय करेगी। यात्रा में पदयात्राएं, रैलियां और जनसभाएं शामिल होंगी, जिसमें सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। इस साल की शुरुआत में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था और यात्रा को आगामी चुनावी लड़ाई के लिए पार्टी के रैंक और फाइल को रैली करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
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