इंडिया न्यूज़, Rajasthan News: राजस्थान के आपदा राहत मंत्री गोविंद मेघवाल(Govind Meghwal) ने करवा चौथ(Karva Chauth) पर दिए अपने एक बयान में कहा कि यह दुर्भाग्य है कि आज भी करवाचौथ(Karva Chauth) पर महिलाएं छलनी देखती हैं। लोग अंधविश्वास में डाल रहे हैं और जाति धर्म में लड़वाते हैं।
वहीं आपदा राहत मंत्री गोविंद मेघवाल के इस बयान(Govind Meghwal Statement) पर बीजेपी विरोध जता रही है। गोविंद मेघवाल ने यह बयान जयपुर के बिरला ऑडिटोरियम में हुए डिजिफेस्ट के समापन समारोह में दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चीन में 80 फीसदी तो अमेरिका में 50 फीसदी महिलाएं काम करती हैं। इसलिए ये देश विज्ञान की दुनिया में आगे बढ़ रहे हैं।
आपदा राहत मंत्री गोविंद मेघवाल ने कहा कि वो महात्मा ज्योतिबा फुले थे जिहोने देश में शिक्षा की अलख जगाई और उनकी पत्नी सावित्री बाई फुले देश की पहल महिला शिक्षक थीं। उस समय लोग उनपर धर्म के ठेकेदार पत्थर फेंका करते थे। डॉ. अंबेडकर ने भी उन्हें ही अपना गुरु माना। अंबेडकर कहते थे शिक्षा शेरनी का दूध है,जो पीएगा वह दहाड़ेगा। शिक्षा बहुत जरूरी हैं शिक्षा के बिना पैसा नहीं आएगा और बिना पैसे के जीवन पशु के बराबर हो जाएगा।
वहीं गोविंद मेघवाल के इस बयान के बाद विवाद शुरू हो गया है। बीजेपी ने इस बयान पर आपत्ति जताते हुए मंत्री से माफ़ी मांगने की मांग की। भाजपा ने इसे हिंदू आस्थाओं पर आघात बताते हुए कहा कि हिंदू आस्थाओं का मजाक उड़ाना कांग्रेस नेताओं की परंपरा बन गई है। मंत्री ने हिंदुओं की आस्थाओं का मजाक उड़ाया है। इसके साथ ही राजस्थान के मंत्री को सोशल मीडिया पर भी ट्रोल किया जा रहा है। यूजर्स ने मंत्री से माफी मांगने की मांग की है।
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