इंडिया न्यूज़, Alwar News: अलवर में एक दंपती को शादी के करीब 54 साल बाद बच्चे का सुख मिला। हैरानी वाली बात तो ये है कि जिस महिला ने बच्चे को जन्म दिया है उसकी उम्र करीब 70 साल है। वहीं उसके पति की उम्र करीब 75 साल है। घर में बच्चे के आ जाने से दोनों बेहद खुश हैं। जानकारी के अनुसार यह बचा आईवीएफ तकनीक से हुआ है। वहीं ऐसा करने वाले डॉक्टर का कहना है कि राजस्थान में यह पहला मामला है, जब इतनी उम्र की महिला ने बच्चे को जन्म दिया है। लेकिन देश-दुनिया में इससे पहले भी इतनी आयु के बुजुर्ग दंपती माता-पिता बन चुके हैं। लेकिन राजस्थान में यह मामला अनूठा है।
गोपीचंद सेना से साल 1983 में रिटायर हो गए थे। तब से ही एक बच्चे के लिए पत्नी को देश भर के डॉक्टरों को दिखा चुके थे। वहीं जब रिश्तेदारों के जरिए IVF के बारे में पता लगा तो तब अलवर के IVF सेंटर में डॉक्टर पंकज गुप्ता से मिले। डॉक्टरों ने दवा दी। इसके बाद 8 अगस्त को अलवर के RR हॉस्पिटल में वे पिता बन गए। वहीं डॉक्टरों का कहना है कि बच्चे का वजन भी सही है। वहीं गोपीचंद पिता बनने से बहुत खुस हैं। उनका कहना कि अब वे भी दुनिया में सबके बराबर हो गए।
वहीं डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे केस देशभर में गिने-चुने ही हैं। वहीं राजस्थान का तो शायद यह पहला ही केस है। जब इस उम्र में बुजुर्ग दंपती को माता-पिता बनने का सुःख मिला हो। यदि IVF प्रक्रिया की बात करें तो इसे पहले टेस्ट ट्यूब बेबी के नाम से जाना जाता था। इस प्रक्रिया को काफी जटिल माना जाता है। जटिल होने के साथ-साथ यह महंगी है। यह प्रक्रिया कई चरणों में पूरी होती है,
जिनमें ओवेरियन स्टिमुलेशन, फर्टिलाइजेशन और महिला के गर्भ में भ्रूण को रखना आदि शामिल हैं। वहीं इस प्रक्रिया को लेकर सरकार ने ART (असिस्टेड रीप्रोडेक्टिव टेक्नीक) कानून बना दिया है। यह कानून जून 2022 से लागू हो गया है। इस कानून के तहत 50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को टेस्ट ट्यूब बेबी नहीं कराया जा सकता। हालांकि यह यह केस कानून बनने से पहले का है।
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