इंडिया न्यूज, जयपुर:
Coal Crisis In Rajasthan : छत्तीसगढ़ से कोयला मिलने में देरी होने पर अब प्रदेश सरकार प्राइवेट कंपनियों से बिजली खरीदने की तैयारी कर रही है। इस मुख्य कारण यह है कि छत्तीसगढ़ से अभी तक कोयला खानों पर माइनिंग शुरू करने के लिए अब तक मंजूरी नहीं मिली है।
वहीं जिससे अब प्रदेश में स्थापित थर्मल पावर प्लाट्ंस में से आधे से ज्यादा का बिजली प्रोडक्शन प्रभावित होने हो सकता है। इसी के कारण राज्य सरकार ने प्राइवेट कंपनियों से बिजली खरीदने का निर्णय लिया है। वहीं इसका असर अब आम आदमी की जेब पर भी पड़ता दिख सकता है।(Coal Crisis In Rajasthan)
विदेशों से कोयला खरीदने या फिर प्राइवेट कंपनियों से बिजली खरीदने पर हुए खर्च का सीधा भार आम उपभोक्ताओं पर डाला जाता है। यह परम्परा तो पहले से ही चली आ रही है। वहीं इस खर्च का आम जनता को फ्यूल सरचार्ज के नाम पर महंगे बिजली बिल के तौर पर भुगतना करना पड़ सकता है। यह भी संभावना जताई जा रही है कि अबकी बार फ्यूल सरचार्ज भी बढ़कर आ सकता है।
इससे पहले भी पिछले साल ही जयपुर, अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम्स ने प्रति यूनिट 33 पैसे फ्यूल सरचार्ज 1 करोड़ 52 लाख बिजली उपभोक्ताओं पर लगाया गया था। वहीं इस सब के बीच बिजली विभाग के एसीएस डॉ सुबोध अग्रवाल का कहना है कि जब तक छत्तीसगढ़ में खनन की स्वीकृति नहीं मिल जाती। माइनिंग का काम शुरू नहीं हो जाता तब तक आप्शनल बंदोबस्त करने में विभाग जुट गया है।
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