इंडिया न्यूज़, Rajasthan News: आज राजस्थान में सभी ग्राम पंचायतों पर तालाबंदी कर दी गई है। बता दें कि आज पाक्षिक बैठकें होनी थी जिसे सरपंचों के विरोध के चलते स्थागित कर दिया गया है। पंचायतीराज मंत्री रमेश मीना के खिलाफ सरपंचों ने मोर्चा लगाया है। सरपंचों पर मंत्री रमेश मीना ने गड़बड़ी का आरोप लगाया है। जिस कारण सरपंच उनकी इस हरकत से नाराज़ है।
जानकारी के अनुसार कुछ समय पहले ही मंत्री ने नागौर में दौरा किया था। जिसके उपरांत उन्होंने करीब 300 करोड़ रुपये का घोटाले की बात कही। इसी बात को लेकर सरपंचों ने रमेश मीणा का विरोध शुरू किया है। इसपर रमेश मीणा ने भी ट्वीट कर कहा कि ईमानदार होने का अर्थ है, कोई भय नहीं, सब खुला है, किसी से कोई अपेक्षा नहीं। किशोर स्वामी ने कहा कि जो व्यक्ति ईमानदार होता है उसका चेहरा हमेशा जगमगाता रहता है। ट्वीट के माध्यम से मंत्रियों ने सरपंचों पर निशाना साधा है।
सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल ने कहा कि मंत्री ने दौरे के दौरान करीब 300 करोड़ रुपये का घोटाला होने की बात कही, इस बात को लेकर सरपंच संघ ने विरोध जताया है। इससे सरपंचों के स्वाभिमान को ठेस पहुंची है। बता दें कि आज 20 जुलाई को पाक्षिक मीटिंग होनी थी। जिसका सभी सरपंचों ने बहिष्कार करते हुए विरोध जताया है।
बता दे कि कुछ दिन पहले ही मंत्री ने एक बैठक ली जिसमें पंचायत राज विभाग के कार्यो पर बातचीत हुई। मंत्री ने तालाब के कार्य और टांका निर्माण पर मनरेगा के अंतर्गत कार्यो की जांच की थी। इसके उपरांत मंत्री ने करीब 14 ब्लॉक में घोटाले की बात करते हुए जांच शुरू करवा दी थी। अब गठित टीमें इस मामले की जांच कर रही है।
जानकरी के अनुसार मंत्री ने कुछ दिन पहले ही इस मामले की जांच के लिए नागौर जिले में दो टीमें गठित कर भेजी थी। जिनकी सही रिपोर्ट आने के उपरांत भी मंत्री ने टीमों पर सवाल खड़े किये। जिसके चलते इन विकास कार्यो के लिए करोड़ों का भुगतान लटका हुआ है। सरपंचों ने इस बात का विरोध करते हुए कहा कि पिछले करीब 16 महीने से विकास कार्यो का भुगतान लटका हुआ है। जब भुगतान करने की बात आई तो मंत्री ने घोटाले का आरोप लगा दिया। जिसके चलते अब जांच की जा रही है।
ये भी पढ़ें : सीएम गहलोत का गुजरात दौरा रद्द, दिल्ली में ईडी के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन की बनाएंगे रणनीति