इंडिया न्यूज़, Rajsthan News: ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री रमेश चंद मीणा ने बताया कि लगभग 80 से 100 करोड़ रुपये का घोटाला केवल नागौर जिले में ही होने का अनुमान है। इसके अलावा करीब 150 से 200 करोड़ रुपये का घोटाला बाड़मेर में होने का अनुमान है। मंत्री ने कहा कि इसकी जांच के लिए उच्च स्तरीय टीम का गठन किया जाएगा। क्योंकि जैसलमेर जिले में भी ऐसा घोटाला होने कि बात सामने आई है। जानकारी के अनुसार निम्न स्तर के अधिकारियों के मिले होने के कारण ही उच्च स्तर अधिकारी और इंजीनियर भी इस घोटाले में शामिल थे।
रमेश चंद मीणा ने कहा की नागौर जिले में अधिकारियों ने कहा है कि जिले में करीब 1,100 तालाब बनाए गए है लेकिन वह असली संख्या नहीं बता रहे असली सांख्य को छुपाया जा रहा है। जो गठित कमेटी की जांच के बाद ही पता चल पायेगा की असली संख्या क्या थी। मीणा ने कहा कि अगर देखा जाए तो फंड ट्रांसफर ऑर्डर 200 करोड़ से भी अधिक का हुआ है। इसलिए यह अनुमान लगाया जा सकता है कि घोटाला बहुत बड़ा ही होगा।
एक अनुमान के अनुसार कहा जा रहा है कि नागौर जिले में अब तक करीब 50,000 से 55,000 ही तालाब बने गए है। अधिकारियों ने बताया कि बाड़मेर जिले में अब तक 1.38 लाख तालाब बनाए गए है। मीणा ने कहा कि काम जमीन पर तो नहीं दिखा रहा लेकिन फिर भी व्यक्तिगत श्रेणी के लिए करीब 3.79 लाख की पेमेंट की गई है। ऐसे में मीणा ने कहा कि यह तो नकली लेबर पेमेंट की गई है।
मंत्री ने कहा कि जो तालाबों का निर्माण किया गया है, उससे केवल मध्य वर्ग के किसानो को ही लाभ हुआ है। इसमें गरीब या अनुसूचित जाती के लोगों को नहीं देखा गया उनको इनसे कोई लाभ नहीं मिला। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जो मवेशी शेड बनाए गए है उसमें जानवर पर्याप्त नहीं रह सकते क्योंकि वह एक कमरे के अनुसार बनाए गए है। जिसपर इंजीनियरों एवं कलेक्टरों ने भी कोई ध्यान नहीं दिया है जिस कारण काम सुचारु रूप से नहीं किया जा रहा।
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