इंडिया न्यूज, कोटा:
Rajasthan’s First Bone Replacement : कोटा मेडिकल कॉलेज में एक इतिहास रचा गया है। अस्पताल के आथोर्पेडिक आपरेशन थिएटर में राजस्थान का पहला बोन ट्रांसप्लांट (Rajasthan’s First Bone Replacement) किया गया। इस बोन ट्रांसप्लांट से चिकित्सक राजेश गोयल ने युवक को जिंदगीभर अपाहिज होने से बचा लिया।
अस्थि रोग विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ. राजेश गोयल ने बताया कि राजस्थान का पहला बोन बैंक कोटा मेडिकल कॉलेज में 19 दिसंबर को शुरू हो गया था। बोन बैंक शुरू होने के बाद अब ऐसे मामले सामने आ रहे थे। जिसमें मरीज स्वंय ही अपनी अस्थि दान कर रहा हो या फिर किसी बिमारी की वजह से उसका पैर काटना पड़े।
बोन बैंक शुरु होने के बाद एक मरीज सामने आया जिसको इस तरह की शिकायत सामने आई थी। डॉ राजेश गोयल ने बताया कि रोगी की सहमति लेकर उनकी हड्डी ली। हड्डी मिलने के बाद डॉक्टर्स ने उसे स्टरलाइज कर बोन बैंक में रख दिया। इसी बीच भीलवाड़ा जिले के राणाजी का गुढ़ा निवासी मरीज राजू बंजारा का बिजौलिया रोड पर जीप से एक्सीडेंट हुआ।
राजू बंजारा के एक्सीडेंट के बाद थाई बोन का 6.5 सेंटीमीटर का टुकड़ा मौके पर ही छूट गया। जैसे ही इस मरीज को कोटा मेडिकल कॉलेज लाया गया। डॉक्टर्स ने चेक कर बोन ट्रांसप्लांट करने की बात कही। इसी बीच बोन बैंक में रखी हड्डी को तैयार करने की कवायद शुरू कर दी। डॉ राजेश गोयल ने बताया कि बमुश्किल 15-20 मिनट में हड्डी को रोगी के अनुसार आकार दे दिया।
बची हुई बोन को फिर से बैंक में शिफ्ट करा दिया गया। माइनस 80 डिग्री तापमान से निकालने के चलते बोन बैंक से मंगाई गई हड्डी को करीब एक घंटे तक नॉर्मल तापमान में रखने का प्रोटोकॉल है। उसके बाद ही उसे रोगी को लगाया जा सकता है। हमने एक घंटा इंतजार किया। उसके बाद तय शेप की हड्डी रोगी की जांघ की हड्डी में एक बोन प्लेट के साथ ट्रांसप्लांट कर दी। इस पूरे प्रोसीजर में करीब 2 घंटे लगे। (Rajasthan’s First Bone Replacement)
Also Read : Rajasthan Assembly Budget Session 2022 विपक्ष ने तख्तियां लेकर की सीबीआइ जांच की मांग