इंडिया न्यूज़ : धूल से एलर्जी की समस्या अब लोगों में आम होती जा रही है। जिन लोगों को धूल से एलर्जी होती है, उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यात्रा करते समय परेशानी होती है, लेकिन कई बार व्यक्ति घर में रहते हुए भी धूल से एलर्जी के कारण बीमार हो जाता है।
धूल या गंदगी के कारण छींकना, सर्दी और सिरदर्द होना धूल एलर्जी के लक्षण हो सकते हैं। धूल-मिट्टी और प्रदूषण के कणों में कई तरह के सूक्ष्मजीव होते हैं, जो सभी के लिए हानिकारक होते हैं। जब ये अदृश्य रोगाणु मुंह या नाक से शरीर के अंदर चले जाते हैं, तो शरीर इसे झेल नहीं पाता है। बहुत से लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है या वे शरीर के प्रति संवेदनशील होते हैं, उन लोगों में धूल एलर्जी का खतरा बढ़ जाता है। डस्ट एलर्जी को डस्ट माइट भी कहा जाता है।
अगर आपको बाहर जाते समय उपरोक्त समस्याओं का सामना करना पड़ता है, तो बिना मास्क के घर से बाहर न निकलें। मास्क की जगह कपड़े या रुमाल का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह धूल के महीन कणों को मुंह और नाक में जाने से रोकेगा।
घर पर रहें या बाहर धूल के कण हर जगह मौजूद होते है। ऐसे में खुले में रखी गई खाने की चीज़ें भी नुकसानदेह हो सकती हैं। खाने की इन चीज़ों के साथ आपके मुंह के रास्ते डस्ट जा सकता है।
बिस्तर, डोरमैट, पर्दे या कालीन पर जमी धूल की वजह से भी डस्ट एलर्जी की समस्या हो सकती है। घर की चीज़ों और सामानों पर धूल न जमें इसका ध्यान रखें और आसपास सफाई बनाए रखें।
अगर आप सफाई कर रहे हैं, तो धूल पर झाड़ू लगाने की बजाय उसे गीले कपड़े से साफ करें। इससे डस्ट उड़ने की जगह कपड़े पर चिपक जाएगा और आप धूल से बचे रहेंगे।
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