इंडिया न्यूज़ : इस साल शनि जयंती 30 मई सोमवार को है। शनि देव का जन्म ज्येष्ठ अमावस्या के दिन हुआ था। इसलिए हर साल ज्येष्ठ अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है। इस वर्ष ज्येष्ठ अमावस्या तिथि 29 मई को दोपहर 02:54 बजे से 30 मई सोमवार को शाम 04:59 बजे तक है। सोमवार होने के कारण यह दिन सोमवती अमावस्या भी है। 30 साल बाद ऐसा संयोग बना है कि ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि जयंती, सोमवती अमावस्या और वट सावित्री व्रत एक साथ पड़े हैं।
शनि जयंती के अवसर पर शनि देव की पूजा करने से आप साढ़ेसाती, ढैया या शनि दोष की पीड़ा से छुटकारा पा सकते हैं। इस दिन कुछ चीजों का दान करके आप सुख-समृद्धि बढ़ा सकते हैं और कष्टों से मुक्ति पा सकते हैं।
शनि जयंती के अवसर पर पूजा के बाद काले तिल का दान किसी गरीब व्यक्ति को करें। साढ़ेसाती, ढैय्या और शनि दोष की पीड़ा से राहत मिलेगी।
शनि जयंती के अवसर पर किसी गरीब व्यक्ति को काले या नीले वस्त्र और जूता-चप्पल का दान करें। रोग और शारीरिक कष्ट दूर होंगे।
शनि जयंती पर सवा किलो काली उड़द का दान करने से आर्थिक संकट दूर होता है और सुख समृद्धि बढ़ती है। शनि दोष से मुक्ति के लिए सरसों का तेल या तिल का तेल दान कर सकते हैं।
शनि की महादशा में आप कष्टों से परेशान हैं तो आपको किसी गरीब को लोहा, छाता, स्टील के बर्तन आदि का दान करना चाहिए। आपको शांति मिलेग।
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