साल का पहला चंद्र ग्रहण 16 मई 2022 को है, दिन सोमवार और वैशाख पूर्णिमा है। चंद्र ग्रहण सुबह 7.02 बजे से शुरू होकर दोपहर 12.20 बजे खत्म होगा। ग्रहण के दौरान कुछ सावधानियां बरतने और नियमों का पालन करने की आवश्यकता होती है ताकि इसका कोई दुष्प्रभाव न हो। ग्रहण से पहले कुछ सावधानियां साझा की हैं, जिनका पालन करने से लाभ हो सकता है।
यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा और न ही इसका कोई भारत में असर होगा। लेकिन उत्तरी दक्षिणी अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका में यह ग्रहण विशेष रूप से दिखाई देगा। यदि भारत में यह चंद्र ग्रहण दिखाई नहीं देता है, तो सूतक के नियम जैसे मंदिर के कपाट न खोलना, भोजन न करना आदि नियम लागू नहीं होंगे। क्योंकि हमारे शास्त्रों में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि जहां ग्रहण दिखाई नहीं देता वहां सूतक के नियमों का पालन नहीं करना चाहिए। लेकिन चंद्रमा इससे पूरी तरह प्रभावित होगा।
1. पूरे चंद्र ग्रहण के समय में गर्भवती महिलाओं का घर से बाहर निकलना वर्जित है। ऐसी आशंका रहती है कि ग्रहण का दुष्प्रभाव उस पर और उसके शिशु पर पड़ सकता है।
2. चंद्र ग्रहण के समय में भोजन करने की मनाही है। ग्रहण के कारण भोजन दूषित होने की आशंका रहती है, इसलिए भोजन में तुलसी का पत्ता एवं गंगाजल डालते हैं।
3. चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को नुकीली वस्तुओं जैसे सूई, चाकू आदि का उपयोग नहीं करना चाहिए।
4. ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को सोना नहीं चाहिए। इस दौरान अपने इष्टदेव का ध्यान करें या फिर हनुमान चालीसा या दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
5. गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण नहीं देखना चाहिए।
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