Animal Lover : एक तरफ जहां पूरे प्रदेश में पशु क्रूरता के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इंसानों द्वारा मूक पशुओं से मारपीट की घटनाएं भी सामने आ रही है। वहीं दूसरी ओर उदयपुर में एक संस्था बेजुबानों का सहारा बनाकर अब तक 2 लाख जानवरों की जान बचा चुकी है। 20 साल पहले उदयपुर से करीब 15 किलोमीटर दूर एक गांव में शुरू हुई एनिमल एड, शहर के लावारिस पशुओं की निशुल्क सेवा कर रही है।
शहर के किसी भी कौने में कोई भी लावारिस पशु घायल हो या उसे उपचार की जरूरत हो तो एनिमल एड की टीमें ना सिर्फ मौके पर पहुंचती है बल्कि मूक पशुओं का रेस्क्यू कर उन्हें भर्ती भी करती है जिन्हें निशुल्क इलाज मुहैया कराया जाता है। वर्तमान में भी यहां 800 से ज्यादा पशुओं का इलाज जारी है, जिसमें सड़क हादसे में घायल हुई गायें, भैंसे, भेड़ और गधों के साथ गंभीर बीमारी से जूझ रहे आवारा कुत्ते भी शामिल हैं। (Animal Lover)
एनिमल एड से जुड़े दीन दयाल ने बताया कि लोगों में जागरूकता की कमी होने की वजह से अक्सर पशुओं के साथ मारपीट जैसी घटनाएं होती है। ऐसे में एनिमल एड लगातार पशु क्रूरता करने वालों के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज कराता है। वही सेवा कार्य में लगी नंदिनी ने बताया कि एनिमल एड के हॉस्पिटल में डेढ़ सौ लोगों का स्टाफ है जो इन मूक पशुओं की सेवा में लगे हैं।
इस अस्पताल में कई ऐसे पशु भी हैं जो अब हमेशा यही रहेंगे क्योंकि वह ऐसी बीमारी से जूझ रहे हैं जिससे संक्रमण फैलने का खतरा है। 20 वर्षों से आवारा पशुओं के निशुल्क इलाज के लिए कार्य कर रही एनिमल एड संस्था में बाहर से भी कई लोग आते हैं और गाय के बछड़ों को बोतल से दूध पिला कर खुद को खुशनसीब समझते हैं।
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